Bank Account kitne Prakar ke Hote Hai In Hindi - 2022

Bank Account kitne Prakar ke Hote Hai In Hindi – 2022

बैंक अकाउंट क्या हैं?

बैंक अकाउंट के माध्यम से बैंक लोगो को अपने आप से वित्तीय खाता प्रदान करने के लिये अपने आप को जोड़ता हैं जिसमे कि हर व्यक्ति इस सेवा का लाभ उठाता हैं।

खातों की संख्या तीन प्रकार की होती है। व्यवसाय में दो पक्षो में होने वाले खातों की हम बात करते है जब किसी व्यक्ति, कम्पनी से रिलेटेड खाते होते है तो उन्हें व्यक्तिगत खाते कहते है।बैंक में बचत खाता और चालू खाता ही काम में आता है। अब यदि बैंको के कुल खातों की बात करे तो इसमें 7 खाते आते है –

1.बचत खाता

2.चालू खाता

3.सावधि जमा खाता

4.आवर्ती जमा खाता

5.बुनियादी बचत खाता

6.बचत बैंक खाता

7.चालू बैंक खाता

Sbi बैंक में खातों की संख्या गिनवाये तो उसमे निम्न खाते आते है रेगुलर करंट,गोल्ड डायमंड, प्लैटिनम करंट अकाउंट,सुरभि करंट अकाउंट, पॉवर ज्योति करंट अकाउंट, पॉवर ज्योति पुल अकाउंट आदि।

खातों की श्रेणी –

जमा और ऋण -बचत, चालू , सावधि जमा खाता,आवर्ती जमा खाता और पी पी एफ।यह खाते पत्रकार नही होते इन्हे खातों की पेंशन आदि श्रेणी के अनुसार वर्गीकरण करते है।

बैंक में कितने अकाउंट होते हैं?’

Account kitne Prakar ke Hote Hai

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बैंक में 7 अकॉउंट होते हैं- बचत खाता, चालू खाता, सावधि जमा खाता,आवर्ती जमा खाता, बुनियादी बचत खाता, बचत बैंक खाता, चालू बैंक खाता इत्यादि। ग्राहक अपनी सहूलियत के अनुसार खाता खुलवा सकता है।

क्या करंट अकाउंट में ब्याज मिलता है?

करंट अकाउंट की तुलना में बचत खातों में ब्याज मिलता है क्युकि यह आम नागरिकों के लिये बनाया जाता है और करंट अकाउंट में व्यापारी खाता होने की वजह से इसमें ब्याज नही मिलता।

करंट खाता किसे कहते हैं?

करंट खाता वह होता है जब कोई फर्म या बिज़नेस मैन अपने व्यापार के लिये खाता खोलता हैं जिसमे पैसे का फ्लो धीरे इसलिए होता है क्योंकि उनके अकाउंट में पैसे का आना जाना लगा रहता हैं इसमें इंटरेस्ट नही मिलता। व्यापारिओ को इसमें इंटरेस्ट मिलने का लालच भी नही होता।।इसमें जमा या पैसे निकालने की सीमा नही होती।

एक व्यक्ति कितने एकाउंट रख सकता हैं?

ek viyakti kitne account rekh skta hai

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एक व्यक्ति जितने चाहे अकाउंट रख सकता है यह केवल उसकी राशि पर निर्भर होता है कि वह कितने जमा करता है और कितने निकालता है।

एक अकाउंट से ज्यादा अकाउंट रखने पर कोई इनकम टैक्स देना होगा?

इनकम टैक्स का अकाउंट से कोई मतलब नही होता आप जितने चाहे अकॉउंट रख सकते है।अगर कुछ-कुछ लाख रुपये भी करके 10 लाख तक जमा किए जाते हैं या बारी-बारी से कुल 10 लाख निकालें जाते हैं तो नोटिस आने के चांस बढ़ जाते है इसमें सिर्फ यही ध्यान रखा जाता है की आप कितने पैसे किस तरिके से निकाल रहे हो कैश transaction पर ध्यान दिया जाता है ताकि इनकम टैक्स की कार्रवाई से बचा जा सके। Account kitne Prakar ke Hote Hai

बैंक खाते के प्रकार

बैंक खाता 4 प्रकार के होते है मुख्यत बैंक में केवल चालू खाता और बचत खाता ही खुलवाए जाते है

1. बचत खाता – सामान्य नागरिकों द्वारा यही अकाउंट खुलवाया जाता है जिसमे हम अपनी सहूलियत के हिसाब से जमा कर सकते है और निकाल सकते है। लेनदेन की सीमा पार करने पर बैंक आपको चार्ज कर देता है

2. चालू खाता- कम्पनी और बड़े उद्योग व्यापारी द्वारा खुलवाया गया खाता होता है जिसमे कि उन्हें ब्याज मिलता और इसके लिये उन्हें भी किसी प्रकार का लालच नही रहता। इसमें 5000 से 25000 तक की राशि जमा की जाती है।

3. आवरती जमा खाता – यह खाता उन लोगो के लिये होता है जो हर महीने बैंक में अपनी राशि को सेविंग के तौर पर रखना चाहते है इसके लिये उन्हें हर महीने कुछ राशि जमा करनी होती है और यह न्यूनतम, 3 महीने से शुरू होकर 1 साल तक रहती है हर बैंक अलग अलग ब्याज देता है।

4. Fd अकाउंट Fd अकाउंट भी एक तरह का अकाउंट होता है जिसमे आप केवल एक ही बार पैसे जमा करते है और कुछ समय बाद जब वह परिपक्व हो जाता है तो उसे आपके सेविंग अकाउंट में transfer कर दिया जाता है। आप इसे समय से पहले अगर निकलते है तो बैंक आपको कुछ पैसे काटकर आपको आपके पैसे लौटा देता है।

सेविंग अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं

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 बैंक ने लोगो की जरूरतों और योग्यता को पूरा करने के लिये अलग प्रकार के खातों को लांच किया है हर एक अकाउंट की अलग अलग विशेषताएं है भारत में निम्न प्रकार के सेविंग खाते है –

1. zero balance account – इसमें आपको कोई न्यूनतम राशि की जरूरत नही होती केवल अपने kyc डॉक्यूमेंट के आधार पर अपना खाता खुलवा सकते है।

2. Regular saving account – रेगुलर सेविंग अकाउंट में कम सुविधाएं होती है इसमें आपको कम से कम बैलेंस रखना जरूरी होता है जिससे आपको बैंक के अतिरिक्त फीस से बचा जा सके।

3. Salary account – यह भी एक जमा खाते की तरह ही है इसमें नौकरी पेशा लोगो के लिये कम्पनी खाता खोलती है और इसे 0 बैलेंस से ही ओपन किया जाता है जिससे की हर महीने इसमें सैलरी डिपाजिट हो जाती है और 2 से 3 महीने में अगर सैलरी ना आये तो यह नॉर्मल सेविंग अकाउंट में तब्दील हो जाता है। आपको कम से कम राशि इसमें रखनी पड़ती है। Account kitne Prakar ke Hote Hai?

पर्सनल अकाउंट किसे कहते हैं

वह सभी खाते जो फर्म से संबधित होते है। पर्सनल अकाउंट कहलाते है। उदाहरण के लिए श्याम का खाता,कर्नाटक विश्वविद्यालय अकाउंट, लाइफ इन्शुरन्स कारपोरेशन अकाउंट, कैपिटल,ड्राइंग अकाउंट इत्यादि।

Journel में entry के नियम दो पक्ष के बीच लेन देन की सुविधा में पर्सनल अकाउंट प्रभावित होता है इसमें यह नियम लागु नही होगा। पाने वाला व्यक्ति के खातों को डेबिट में और देने वाले व्यक्ति को क्रेडिट में विभाजित किया जाता है

बचत खाता किसे कहते हैं

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बचत यानि सेविंग अकॉउंट अर्थात इसमें पैसो को सुरक्षित रखा जाता है इसमें आम नागरिक को ब्याज मिलता है। यह हर व्यक्ति एक निश्चित राशि बैंक में रखवाकर अकाउंट खुलवा सकता हैं जिसकी न्यूनतम सीमा 1000rs होती हैं। इसमें अधिकतर सैलरी अकाउंट ही खोले जाते हैं।

इसमें हम अपनी मर्जी से कभी भी पैसे जमा करवा सकते हैं। पर अकाउंट से पैसे निकालने के लिये बैंक केवल आपको 6 महीने में 30 बार ही निकालने की सुविधा देता हैं।बैंक आपको खाते के साथ पास बुक, चेक बुक इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवाएं देता हैं।हर बैंक जमा पैसे पर 4 से 6% तक का ब्याज देता है।दिन में 5 बार पैसा निकालने की सुविधा होती है उससे अधिक पर चार्ज लेता है। (Account kitne Prakar ke Hote Hai)

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